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लेखनी कहानी -15-Jun-2022 उसका यकीन उठ गया

आईना यूँ जुदा सा लगता हैं,
यार मेरा खफा सा लगता हैं,

मैंने बदले हैं वफ़ा के मआनी,
हर कोई बेवफा सा लगता हैं!

तारिक़ अज़ीम 'तनहा'

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